योग क्या है?What is yoga?

योग क्या है?

योग सीधा  का सही अर्थ है जुड़ना…… invovlve होना….पूरी तरह से जुड़ना…..इतना जुड़ना की होश न रहे…एक जुनून हो जाये… खो जाये….किसी भी काम मेंखेल मेंपढ़ाई मेंप्यार मेंभक्ति मेंईस्वर मेंउनकी शक्ति में        यही आनंद है…. समाधि है…..परम आनंद है… योग है।

योग स्‍वस्‍थ जीवन जीने का एक तरीका है, जिसका जन्म  भारत में हुआ । अब इसे विश्‍वभर में विज्ञान की एक शैली के रूप में स्वीकार कर लिया गया है । पाश्‍चात्‍य सं स्कृति भी इसे वैज्ञानिक व्यायाम की एक स्वस्थ शैली के रूप में स्वीकार कर रही है ।

यद्यपि योग की उत्पत्ति कै से हुई, यह स्‍पष्‍ट नहीं है, परं त यह लंबे  समय से चली आ रही परंपरा है । एक सामान्य जन के लिए योग में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्‍याहार, क्रिया और ध्यान के अभ्यास हैं, जो व्यक्‍त‍ि को शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से चस्तु और भावात्मक रूप से सं तलिु त रखते हैं । यह अतत: व्यक्ति  के आध्यात्मिक विकास के लिए आधार तैयार करता है ।

योग क्या है? (What is yoga?)

योग’ शब्द संस्कृत मूल “युज” से लिया गया है जिसका का अर्थ है ‘जुड़ना‘ या ‘एकजुट‘ करना।
शरीर, मन और आत्मा, और साहित्य में दोनों का उपयोग किया जाता है अंत के साथ-साथ साधन भी। अंत के रूप में, योग का प्रतीक है। उच्चतम स्तर पर ‘व्यक्तित्व का एकीकरण’ के रूप में,योग में विभिन्न अभ्यास और तकनीकें शामिल हैं जो कि हैं,इस तरह के एकीकरण के विकास को प्राप्त करने के लिए कार्यरत हैं।

ये अभ्यास और तकनीक योगिक में साधन हैं,साहित्य और सामूहिक रूप से ’योग’ के रूप में जाना जाता है।

योग का महत्व(Importance of Yoga)
अच्छा स्वास्थ्य प्रत्येक मनुष्य का अधिकार है। लेकिन यह अधिकार व्यक्तिगत, सामाजिक और पर्यावरण कारकों पर निर्भर करता है।मुख्य रूप से पर् यावरणीय या सामाजिक कारकों के साथ-साथ हम एक बेहतर रोग प्रति रक्षा तंत्र और अपनी बेहतर समझ विकसित कर सकते हैं जिससे कि अन्य परिस्थिति याँ हम पर बहुत अधि क प्रति कूल प्रभाव न डाल पाएँ और हम अच्छा स्वास्थ्य प्राप्‍त कर सकें। 

 स्वास्थ्य एक सकारात्मक अवधारणा है । सकारात्मक  स्वास्थ्य केवल बीमारियों से मुक्‍त होना ही नहीं है, बल्कि इसमें विशिष्ट  कारकों के विरुद्ध प्रति रोधक क्षमता तथा रोगों के लिए सामान्‍य प्रतिरक्षा की समुचित मात्रा के विकास के साथ‑ साथ  स्वास्थ्य होने की ऊर्जावान अनुभूति भी शामिल है । इसके लिए  योग एक महत्वपूर्ण भूिमका निभा  सकता है  क्योकि  इसमें विशाल  क्षमता है ।

योग उपचार की सबसे शक्तिशाली दवा रहित प्रणालियों में से एक है। यह कल्याण की अपनी अवधारणा है जो वैज्ञानिक रूप से कई लोगों द्वारा समझा और प्रस्तुत किया गया है।
योग को हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक जीवन शैली के रूप में अपनाया जा सकता है। योग, अगर स्कूल स्तर पर शुरू किया जाता है, तो स्वस्थ स्वास्थ्य और जीवन शैली को अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार, योग से  शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक और स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहित करना है। योग शारीरिक शक्ति, सहनशक्ति, धीरज और उच्च ऊर्जा स्तर के विकास में मदद करता है । 
यह अपने आप को आंतरिक और बाहरी सद्भाव के लिए अग्रणी मानसिक स्तर पर बढ़ती एकाग्रता, शांत, शांति और संतोष के साथ सशक्त बनाता है।

योग — इसका इतिहास (Yoga – Its History)

भारत में  योग का जन्म  हज़ारों वर्ष पर्वू हुआ। इसकी जन्म  सुख  प्राप्‍त करने और दुःख़  से छुटकारा पाने की विश्व्‍यापी इच्छा के कारण हुई । यौगि क जनश्रुति के अनुसार, शिव को योग का संस्थापक माना गया है। 
2700 ईसा पर्वू , पुरानी सिंधु घाटी सभ्यता की बहुत सी मुद्राएं  और जीवों के अवशेष संकेत देते  है  कि प्राचीन भारत में योग प्रचलन में था । परन्तु  योग का व्यवस्थित उल्लेख पतंजलि के योगदर्शन में मि लता है । 

महर्षि पतंजलि ने योग के अभ्‍यासों को सवु्यवस्थित किया । पतंजलि के बाद बहुत‑से योगियों ने इसकेविकास में अपना योगदान दिया और इसके परिणामस्वरूप योग अब पुरे विश्व  में फैलचकुा है ।
 इसी क्रम में 11 दिसंबर 2014 को संयक्‍तु राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 193 सदस्यो  की सहमति से ‘21 जनू ’ को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाने का प्रस्‍ताव पारित किया ।

यौगिक अभ्यास के उद्देश्य

  •  यौगिक अभ्यास की समझ विकसित करना और इस समझ को अपने जीवन और रहन-सहन के अनुसार प्रयोग में लाना ।
  •  स्वास्थ्य आदतें और जीवनशैली विकसित करना ।
  • मानवीय मल्यू विकसित करना ।
  • यौगिक अभ्यास द्वारा शारीरिक, भावात्म क और मानसिक स्वास्थ्य विकसित करना ।

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